facebook pixel प्रेगनेंसी में उल्टी क्यों होती है | उल्टी रोकने के घरेलू उपाय
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प्रेगनेंसी में उल्टी क्यों होती है और कैसे करें इसका घरेलू इलाज

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गर्भावस्था एक खूबसूरत एहसास है। लेकिन कभी-कभी यह एहसास इतना सुंदर नहीं होता। हालांकि कई गर्भवती माताएं अपने चेहरे पर गर्भावस्था की चमक और एक बड़ी मुस्कान के साथ घूमती हैं, मगर यदि आप उल्टियों से परेशान हैं तो आपके चेहरे की चमक और मुस्कान दोनों गायब हो जाती है। आप उल्टी करती रहती हैं और सोचती रहती हैं कि प्रेगनेंसी में उल्टी होना जरूरी है क्या।

गर्भावस्था में पेट में जलन, मिचली और उल्टी आम अनुभव है, जो 70-80% गर्भवती महिलाओं को प्रभावित करती है। गर्भावस्था के दौरान कुछ महिलाओं को पेट में जलन और एसिडिटी की भी समस्या हो सकती है। हालाँकि गर्भावस्था के दौरान मिचली और उल्टी से पीड़ित अधिकांश महिलाओं में यह लक्षण पहली तिमाही तक ही सीमित होता है, लेकिन कुछ प्रतिशत महिलाओं में लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं।

इस लेख में हम जानेंगे कि प्रेगनेंसी में उल्टी क्यों होती है और प्रेगनेंसी में उल्टी रोकने के घरेलू उपाय। और भी ऐसे ही सवालों का जवाब हम इस लेख में देंगे।

प्रेगनेंसी में उल्टी होना जरूरी है क्या?(Pregnancy main ulti hona jaruri hai kya)

अगर आप सोच रही हैं कि प्रेगनेंसी में उल्टी होना जरूरी है क्या, तो इसका जवाब है नहीं। प्रेगनेंसी के दौरान उल्टी होना कई महिलाओं के लिए सामान्य होता है, लेकिन यह जरूरी नहीं होता। कुछ महिलाएं पूरे गर्भावस्था के दौरान कभी भी उल्टी नहीं करती हैं, जबकि कुछ को इसे सुबह के वक्त, दिन के किसी भी समय उल्टी हो सकती है।

प्रेगनेंसी में गर्भ ठहरने के कितने दिन बाद उल्टी होती है

गर्भावस्था में उल्टी होना जिसे हम मॉर्निंग सिकनेस भी कहते है, कई मामले में एक आम समस्या होती है। इसे ‘vomiting in pregnancy’ भी कहा जाता है, जो मुख्य रूप से गर्भावस्था के शुरुआती चरण में हार्मोनल बदलाव के कारण ट्रिगर होती है। अगर आप सोच रही हैं कि गर्भ ठहरने के कितने दिन बाद उल्टी होती है तो आमतौर पर ये परेशानी गर्भ के ठहरने के 1 से 1.5 महीने के बाद शुरू होती है, पर ऐसा ज़रूरी नही है। कई बार ये महिलाओं को गर्भधारण के एक से दो हफ्ते के बीच भी शुरू हो जाती है। गर्भावस्था के पहले तिमाही में होने वाली यह समस्या मुख्य रूप से हार्मोनल बदलाव के कारण होती है, खासकर ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (hCG) और प्रोजेस्टेरोन के बढ़ते स्तर की वजह से।

हर महिला के शरीर और उसकी प्रतिक्रियाओं पर निर्भर करता है कि गर्भ ठहरने के कितने दिन बाद उल्टी होती है। महिलाओं में hCG का स्तर तेजी से बढ़ता है, इससे जल्दी और अधिक उल्टी होती है। यह अक्सर सुबह अधिक होता है, लेकिन दिन में किसी भी समय महसूस किया जा सकता है।

गौर करने वाली बात ये है कि गर्भ ठहरने के कितने दिन बाद उल्टी होती है  इसका प्रभाव भूर्ण के विकास पर नही पड़ता है। डॉक्टरों का मानना है कि  उल्टी होना या ना होना इस बात का संकेत है कि  कितनी तीव्रता से आपके शरीर में हार्मोनल बदलाव आ रहे है।  अगर ये बदलाव तीव्र हैं तो संभव है कि आपको उल्टी बहुत ज्यादा होगी। लेकिन अगर आपको प्रेगनेंसी में ज़रूरत से ज़्यादा उल्टी हो या फिर वजन कम होने लगे तो बिना देर किए डॉक्टर से मिलें। 

प्रेगनेंसी में उल्टी ना हो तो क्या करना चाहिए? 

कई बार महिलाएं उल्टी को  प्रेगनेंसी का प्रमुख लक्षण मानती हैं और वो ये सोच के परेशान होती हैं कि प्रेगनेंसी में उल्टी न हो तो क्या करना चाहिए, तो आइए आज हम इसका समाधान कर देते हैं। अगर आपको गर्भावस्था के दौरान उल्टी नही हो रही है तो इसमें कोई समस्या या परेशानी नहीं है। शरीर के अनुसार प्रेगनेंसी के लक्षण हर महिला में अलग होते हैं। कई महिलाओं को उल्टी होती है और कई को यह समस्या बिल्कुल भी नही या बस थोड़ी बहुत होती है। 

तो अगर आपको गर्भावस्था में उल्टी नहीं होती तो आपको अपने या अपने बच्चे के लिए परेशान होने की ज़रूरत नहीं है। आप और आपका बच्चा बिलकुल स्वस्थ हैं और आपको ये सोचने की अवश्यकता नहीं की प्रेगनेंसी में उल्टी न हो तो क्या करना चाहिए। 

वैसे देखा जाए तो प्रेगनेंसी में उल्टी ना होने का कारण होता है महिलाओं के शरीर का hCG और प्रोजेस्टेरोन के प्रति कम संवेदनशील होना। इसके अलावा, यह भी देखा गया है कि जिन महिलाओं की जीवनशैली स्वस्थ होती है और जो गर्भावस्था से पहले भी नियमित व्यायाम करती थीं, उन्हें उल्टी या मॉर्निंग सिकनेस का अनुभव कम होता है।  यही कारण है कि उल्टी ना होने पर आपको बहुत अधिक चिंता करने की अवश्यकता नहीं है। 

यह भी हो सकता है कि गर्भावस्था में उल्टी न होने का कारण यह है कि महिला का शरीर हार्मोनल बदलावों को बेहतर तरीके से संभाल रहा है। लेकिन हर महिला की यह स्थिति समान नहीं होनी चाहिए। यदि आप गर्भावस्था के अन्य लक्षण देखते हैं, जैसे स्तनों में संवेदनशीलता, थकान या गर्भाशय में हल्का खिंचाव महसूस होता है, तो आपकी गर्भावस्था सामान्य है!

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प्रेगनेंसी में उल्टी कब होती है? (Pregnancy main ulti kab hoti hai)

प्रेगनेंसी में उल्टी, जिसे मॉर्निंग सिकनेस भी कहा जाता है, आमतौर पर गर्भ ठहरने के 6 से 8 हफ्ते बाद शुरू होती है। यह समस्या सामान्यत: पहले तीन महीने तक रहती है, लेकिन कुछ महिलाओं को यह पूरे गर्भकाल में हो सकती है। इसका मुख्य कारण हार्मोनल बदलाव हैं, खासकर hCG और प्रोजेस्टेरोन का स्तर बढ़ना। हर महिला का शरीर अलग तरीके से प्रतिक्रिया करता है, इसलिए कुछ को यह समस्या अधिक हो सकती है, जबकि कुछ को बिल्कुल नहीं होती। यदि उल्टी बहुत अधिक हो जाए या लंबे समय तक बनी रहे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

प्रेगनेंसी में उल्टी के सामान्य कारण (Pregnancy main ulti ke karan)

आइए जानें प्रेगनेंसी में उल्टी क्यों होती है:

  1. निम्न रक्त शर्करा (Low blood sugar)
  2. ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (एचसीजी) या एस्ट्रोजन जैसे गर्भावस्था हार्मोन में वृद्धि
  3. रक्तचाप में उतार-चढ़ाव
  4. चयापचय (metabolism) में परिवर्तन
  5. तनाव और चिंता

और पढ़े: प्रेगनेंसी में नींद क्यों नहीं आती है – उपाय और निवारण

प्रेगनेंसी में उल्टी के लक्षण (Pregnancy main ulti ke lakshan)

मॉर्निंग सिकनेस के सामान्य लक्षण हैं:

  1. पेट खराब,
  2. मतली,
  3. भूख में कमी/भूख महसूस करना,
  4. उल्टी करना,
  5. सीने में जलन या भाटा (reflux),
  6. समुद्री या मोशन सिकनेस,
  7. आपके गले में कुछ फंसा हुआ महसूस होता है।

प्रेगनेंसी में गर्भ ठहरने के कितने दिन बाद उल्टी होती है?

गर्भ ठहरने के कितने दिन बाद उल्टी होती है, यह सवाल कई महिलाओं के मन में होता है। आमतौर पर गर्भ ठहरने के 4 से 6 सप्ताह बाद उल्टी और मतली की समस्या शुरू होती है, जिसे मॉर्निंग सिकनेस कहा जाता है। यह समस्या अधिकतर पहले तिमाही (12 सप्ताह) तक रहती है, लेकिन कुछ मामलों में पूरे गर्भकाल तक भी बनी रह सकती है।
मॉर्निंग सिकनेस का कारण गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल परिवर्तन, विशेष रूप से एचसीजी (HCG) हार्मोन का स्तर बढ़ना होता है। हालांकि इसे “मॉर्निंग सिकनेस” कहा जाता है, लेकिन उल्टी दिनभर में कभी भी हो सकती है।
यदि उल्टी की समस्या ज्यादा हो और कमजोरी या पानी की कमी महसूस हो, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। इस स्थिति को हाइपरमेसिस ग्रेविडारम कहा जाता है, जिसमें विशेष चिकित्सीय देखभाल की जरूरत होती है।

प्रेगनेंसी में उल्टी कितने महीने तक होती है? (Pregnancy main ulti kitane mahine tak hoti hai)

प्रेगनेंसी के पहले तिमाही (तीन महीने) तक उल्टी की समस्या आमतौर पर सबसे अधिक होती है। यह मॉर्निंग सिकनेस के रूप में जानी जाती है। लेकिन कुछ महिलाएँ पूरे गर्भावस्था के दौरान उल्टी की समस्या से पीड़ित रहती हैं, जबकि कुछ को इस समस्या की शिकायत नहीं होती है।

हार्मोनल परिवर्तनों का प्रभाव

गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल परिवर्तन, विशेष रूप से एस्ट्रोजन और ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (एचसीजी) जैसे हार्मोन का ऊंचा स्तर, मतली और उल्टी का कारण बन सकता है। ये हार्मोनल उतार-चढ़ाव अक्सर गर्भावस्था की पहली तिमाही के दौरान होते हैं, आमतौर पर छठे सप्ताह के आसपास शुरू होते हैं और पहली तिमाही के अंत तक कम हो जाते हैं।

प्रेगनेंसी में उल्टी रोकने के घरेलू उपाय (pregnancy me vomiting rokne ke upay)

आप ये कुछ घरेलू उपाय (home remedies) आजमा सकती हैं, जो गर्भावस्था के दौरान उल्टी और मिचली को कम करने में प्रभावी माने जाते हैं:

  1. एक्यूप्रेशर (शरीर में विशिष्ट तंत्रिका केंद्रों पर हल्का दबाव डालना)
  2. ताजी हवा
  3. विटामिन बी6 का सेवन
  4. अरोमाथेरेपी
  5. तेज़ गंध और ऐसी चीज़ों से बचें जो आपको मिचली लाती हैं।

प्रेगनेंसी में उल्टी होने पर क्या खाना चाहिए:(Pregnancy me ulti hone par kya khana chahiye)

गर्भावस्था के दौरान उल्टी या मिचली महसूस होने पर खानपान में थोड़ी सावधानी बरतना जरूरी है। उल्टी की समस्या को कम करने के लिए आप कुछ खास चीजों का सेवन कर सकती हैं, जो पेट को हल्का रखें और पचने में आसान हों। प्रेगनेंसी में उल्टी रोकने के लिए आप निम्नलिखित खाद्य पदार्थ और पेय शामिल कर सकती हैं:

 

घरेलू उपाय लाभ / उपयोगिता
अदरक की चाय / पानी गर्भावस्था के दौरान मिचली और उल्टी से राहत देता है।
पुदीने की चटनी / पत्तियां पेट को ठंडक देता है और उल्टी की समस्या को कम करता है।
नींबू का रस / स्लाइस नींबू की खुशबू और रस उल्टी रोकने में प्रभावी होते हैं।
सौंफ का पानी पाचन को बेहतर करता है और उल्टी से राहत देता है।
हल्का और पचने में आसान भोजन जैसे खिचड़ी, दलिया, टोस्ट, उबले आलू, या सूप — उल्टी के बाद पचने में आसान।
ठंडे पेय नारियल पानी, छाछ, या ठंडा दूध — उल्टी के बाद शरीर को ठंडक और राहत देते हैं।

 

इन उपायों के साथ-साथ, दिनभर में थोड़ा-थोड़ा और बार-बार खाना खाने की कोशिश करें। इससे पेट खाली नहीं रहेगा और उल्टी की समस्या कम हो सकती है।

क्या प्रेगनेंसी में पीली उल्टी होना आम है?

प्रेगनेंसी में पीली उल्टी होना आम है। कुछ मामलों में, यह पित्त के उल्टी के दौरान पेट के एसिड के साथ मिल जाने के कारण हो सकता है। इसके अतिरिक्त, गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल परिवर्तन पाचन को प्रभावित कर सकते हैं और उल्टी के रंग और स्थिरता में बदलाव ला सकते हैं।

अधिक उल्टियों के लिए चिकित्सा सलाह

जहां कुछ महिलाएं परेशान रहती हैं कि प्रेगनेंसी में उल्टी क्यों होती है, कुछ गर्भवती महिलाओं को बहुत मतली और उल्टी का अनुभव होता है। वे खाना-पीना कम करने में असमर्थ हो सकती हैं, जिसका असर उनके दैनिक जीवन पर पड़ सकता है। इस अत्यधिक मतली और उल्टी को हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम (एचजी) के रूप में जाना जाता है, और इसके लिए अक्सर अस्पताल में उपचार की आवश्यकता होती है। यदि आप बार-बार बीमार हो रही हैं और खाना नहीं खा पा रही हैं, तो जितनी जल्दी हो सके डॉक्टर  से संपर्क करें।

यह भी पढ़ें। 

उल्टी को नियंत्रित करने के लिए आहारिक सलाह

प्रेगनेंसी में उल्टी होने पर क्या खाना चाहिए:

  1. एक दिन में तीन बड़े भोजन खाने के बजाय, अधिक बार छोटे-छोटे भोजन करें।
  2. नरम खाद्य पदार्थों का चयन करें।
  3. जटिल कार्बोहाइड्रेट से भरपूर खाद्य पदार्थ रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर करने और मतली को रोकने में मदद कर सकते हैं।
  4. आहार में लीन प्रोटीन को शामिल करें।
  5. कुछ गर्भवती महिलाओं के लिए ठंडे खाद्य पदार्थ गर्म खाद्य पदार्थों की तुलना में अधिक सहनीय हो सकते हैं।
  6. हाइड्रेटेड रहें।

गर्भावस्था के दौरान उल्टी होना आम बात है। इसे आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। नियमित रूप से डॉक्टर से चेकअप के लिए जाएं। यदि आपकी उल्टी गंभीर हो जाए, तो तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श लें। उल्टी के कारण अपने मातृत्व के आनंद को कम न होने दें। Teddyy प्रीमियम डायपर पैंट के साथ अपने नन्हे मुन्ने का इंतज़ार कीजिये।

प्रेगनेंसी में उल्टी के बाद की देखभाल (Pregnancy me ulti ke baad ki dekhbhal)

गर्भावस्था के दौरान उल्टी होने के बाद शरीर को फिर से ऊर्जा और पानी की जरूरत होती है। उल्टी के बाद सही देखभाल करने से आप कमजोरी, डिहाइड्रेशन और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से बच सकती हैं। प्रेगनेंसी में उल्टी के बाद इन बातों का ध्यान रखें:

  • पर्याप्त पानी और तरल पदार्थ लें: उल्टी के बाद शरीर में पानी की कमी हो सकती है, इसलिए नारियल पानी, सादा पानी, नींबू पानी या इलेक्ट्रोलाइट्स का सेवन करें।
  • हल्का और सुपाच्य भोजन खाएं: उल्टी के तुरंत बाद भारी या तला-भुना खाना न लें। खिचड़ी, दलिया, टोस्ट, उबला आलू या सूप जैसी चीजें बेहतर रहेंगी।
  • घरेलू उपाय अपनाएं: अदरक, पुदीना, नींबू और सौंफ जैसी चीजें उल्टी के बाद पेट को शांत करने में मदद कर सकती हैं।
  • आराम करें: उल्टी के बाद शरीर को आराम देना जरूरी है। थोड़ी देर लेट जाएं या रिलैक्स करें।
  • डॉक्टर की सलाह लें: अगर उल्टी बार-बार हो रही है, कमजोरी या चक्कर आ रहे हैं, तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
  • नियमित जांच कराएं: गर्भावस्था के दौरान नियमित रूप से डॉक्टर से चेकअप कराते रहें, ताकि किसी भी समस्या का समय रहते समाधान हो सके।

इन आसान उपायों को अपनाकर आप गर्भावस्था के दौरान उल्टी की समस्या से राहत पा सकती हैं और अपने व अपने बच्चे के स्वास्थ्य का ध्यान रख सकती हैं।

Faq's

1. प्रेगनेंसी में उल्टी कब शुरू होती है और कितने दिनों तक रहती है?

उल्टी अक्सर पहले ट्राइमेस्टर (6 से 12 हफ्ते) में शुरू होती है और 16-20 हफ्तों तक बनी रह सकती है।

2. क्या हर प्रेगनेंट महिला को उल्टी होती है?

 नहीं, हर महिला को उल्टी नहीं होती। कुछ को हल्की मिचली होती है तो कुछ को बिल्कुल भी नहीं होती।

3. प्रेगनेंसी में उल्टी क्यों होती है?

 यह मुख्य रूप से हार्मोनल बदलावों (जैसे hCG और एस्ट्रोजन) के कारण होती है, जो पाचन तंत्र और सूंघने की क्षमता को प्रभावित करते हैं।

4. क्या ज्यादा उल्टी होने से बच्चे पर असर पड़ता है?

 सामान्य उल्टी नुकसानदायक नहीं होती, लेकिन अगर अत्यधिक उल्टी (Hyperemesis Gravidarum) हो, तो डॉक्टर की सलाह जरूरी है।

5. प्रेगनेंसी में उल्टी को कैसे कम किया जा सकता है?

अदरक की चाय, नींबू पानी, पुदीना, हल्का भोजन, और पर्याप्त पानी पीना मिचली कम करने में मदद कर सकते हैं।

6. कब उल्टी के लिए डॉक्टर को दिखाना चाहिए?

अगर उल्टी बहुत ज्यादा हो, खाना या पानी नहीं रुक रहा हो, कमजोरी महसूस हो रही हो या वजन तेजी से घट रहा हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।