2 महीने की प्रेगनेंसी: आपके बच्चे की ग्रोथ (आपके बच्चे का विकास) और आपके बदलते शरीर की जानकारी
प्रेगनेंसी एक ऐसी जर्नी है! जो हर महीने आपके लिए कुछ नया लेकर आती है – नए एहसास, नए अनुभव। टेक्नोलॉजी से तरक्की के कारण अब अल्ट्रासाउंड जैसी तकनीक से आप अपने बच्चे की ग्रोथ भी देख भी सकती हैं।
इस लेख में, आप जानेंगे कि 2 महीने की प्रेगनेंसी के लक्षण क्या होते हैं? आपका शरीर कैसे बदलता है, और इस समय के दौरान बच्चा कैसे बढ़ता है? लगभग 5 हफ्ते की प्रेगनेंसी में (5 weeks pregnant) आप नीचे बताई गयी अधिकांश चीजों का अनुभव करना शुरू कर देंगी।
2 महीने की प्रेगनेंसी में क्या करना चाहिए?
बहुत सी महिलाओं को पता ही नहीं चलता कि वो 2 महीने की प्रेगनेंट हैं। इस दौरान आपका वजन नहीं बढ़ेगा और बेबी बंप भी दिखाई नहीं देगा। लेकिन, आपको नीचे बताए गए कुछ लक्षण महसूस हो सकते हैं। 2 महीने की प्रेगनेंसी के लक्षण क्या होते है ?
प्रेगनेंसी की पहली तिमाही (फर्स्ट ट्राइमेस्टर) आपके बच्चे के ग्रोथ (विकास) के लिए सबसे महत्वपूर्ण समय होता है। इसलिए इस दौरान अपना खास ख्याल रखना बहुत ज़रूरी है ताकि आप इस दौर को आसानी से पार कर सके।
2 महीने की प्रेगनेंसी में क्या करना चाहिए ? भले ही इस दौरान आप ज्यादा चीज़ें नहीं कर सकतीं, फिर भी आप अपने बच्चे के लिए कुछ जरूरी सामान जैसे कपड़े, खिलौने और टेडी ईज़ी डायपर पैंट्स( Teddyy Easy Diaper Pants)जैसी सेहत से जुड़ी चीज़ें देखना शुरू कर सकती हैं।
आइए अब 2 महीने की प्रेगनेंसी के लक्षणों पर एक नजर डालते हैं।
2 महीने की प्रेगनेंसी के लक्षण –
यहाँ दूसरे महीने की प्रेगनेंसी के लक्षण दिए गए हैं जिनका अनुभव कई महिलाएं करती हैं:
- मिचली
- उल्टी
- कुछ खाने की चीज़ों से दूर रहना
- थकान
- मिजाज़ में बदलाव
- ज्यादा भावुक होना
- स्तनों में कोमलता
- स्तनों का बढ़ना
- कब्ज़
- बार-बार पेशाब आना
- सुबह की बेचैनी
दूसरे महीने की प्रेगनेंसी के ये लक्षण सभी महिलाओं के लिए एक जैसे नहीं होते। आप इनमें से सभी लक्षणों का अनुभव कर सकती हैं या केवल कुछ का ही, और इन लक्षणों की तीव्रता भी एक महिला से दूसरी महिला में अलग-अलग होती है।
2 महीने का बच्चा पेट में कैसा होता है?
2 महीने में, आपका बच्चा अभी भी भ्रूण (embryo) अवस्था में होता है। हालाँकि, ये विकास और निर्माण का बहुत तेज़ दौर होता है।
- चेहरे की बनावट: नाक, मुंह और कान जैसी चेहरे की बनावट इस दौरान आकार लेना शुरू कर देती है।
- अंग: छोटी -छोटी कलियाँ अंगों की जगह पर विकसित होने लगती हैं, जो बाद में हाथ और पैर बनते हैं।
- जरूरी अंग : दिल, दिमाग और फेफड़े जैसे ज़रूरी अंग इसी दौरान बनना शुरू हो जाते हैं।
- दिल की धड़कन: 2 महीने की प्रेगनेंसी के अल्ट्रासाउंड में, आप अपने बच्चे की धड़कन 105 बार प्रति मिनट की रफ़्तार से सुन सकती हैं जो वाकई कमाल की बात है!
2 महीने का बच्चा पेट में कैसा होता है, जानकर आप हैरान रह जाएंगे। इस वक्त भ्रूण की त्वचा बन रही होती है, जो इतनी पारदर्शी होती है कि उसके अंदर की रक्त कोशिकाएँ भी दिखाई देती हैं। इस स्टेज पर भ्रूण का मस्तिष्क तेजी से विकसित हो रहा होता है और हर मिनट करीब 2,50,000 न्यूरॉन्स बन रहे होते हैं, जो उसकी तंत्रिका प्रणाली की नींव तैयार करते हैं। इसके साथ ही आँखों की रेटिना और लेंस भी बनने लगते हैं, जिससे भ्रूण रोशनी के प्रति हल्की प्रतिक्रिया देना शुरू कर देता है।
अब बात करते हैं कि डेढ़ महीने का बच्चा पेट में कैसा होता है। इस समय तक भ्रूण की बनावट काफी आगे बढ़ चुकी होती है। उसका हृदय न सिर्फ धड़क रहा होता है, बल्कि धीरे-धीरे चार चैम्बर्स में बंटने भी लगता है। इसी दौर में बच्चे के जीन यह भी तय करने लगते हैं कि शरीर के कौन से अंग बाईं तरफ होंगे और कौन से दाईं तरफ। उदाहरण के लिए — दिल बाईं ओर और लिवर दाईं ओर। इस प्रक्रिया को मेडिकल भाषा में “left-right asymmetry” कहा जाता है।
2 महीने का बच्चा पेट में कितना बड़ा होता है
अगर आप यह जानना चाहती हैं कि 2 महीने का बच्चा पेट में कितना बड़ा होता है, तो इसका सही अंदाज़ा अल्ट्रासाउंड के ज़रिए ही लगाया जा सकता है। इस समय एक स्वस्थ भ्रूण का आकार लगभग 1.5 से 2.5 सेंटीमीटर होता है और उसका वजन करीब 1 ग्राम के आसपास होता है। इसे गर्भावस्था का सबसे संवेदनशील चरण भी कहा जाता है, क्योंकि इसी दौरान भ्रूण के शरीर के अंगों का निर्माण शुरू होता है।
इस समय भ्रूण का सिर, शरीर के बाकी हिस्से की तुलना में काफ़ी बड़ा होता है, क्योंकि मस्तिष्क का विकास शरीर के अन्य अंगों की अपेक्षा तेज़ी से हो रहा होता है। साथ ही, उसकी छोटी-छोटी उंगलियाँ, पैर और आंखें भी आकार लेने लगती हैं, हालांकि वे अभी पूरी तरह विकसित नहीं होतीं।
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2 महीने की प्रेगनेंसी (गर्भावस्था) में अल्ट्रासाउंड
दो महीने की गर्भवती अल्ट्रासाउंड क्या है? 2 महीने की प्रेगनेंसी (गर्भवती) का अल्ट्रासाउंड एक ऐसी चीज़ है जिसे डॉक्टर आपकी गर्भावस्था की प्रगति की जांच करने की सलाह देते हैं। इस अल्ट्रासाउंड में, आप देखेंगे कि आपका बच्चा बहुत छोटा है – लगभग एक बीन के आकार का। दो महीनों के अंत में, आप छोटे-छोटे अंगों को बाहर निकलते हुए भी देख सकती हैं।
2 माह की गर्भवती अल्ट्रासाउंड में सबसे दिलचस्प चीज़ होती है – दिल की धड़कन। आप पहली बार अपने बच्चे की दिल की धड़कन सुन सकती हैं। माता-पिता के लिए यह बहुत भावुक करने वाला अनुभव होता है, तो आप खुद को संभालने के लिए तैयार रहें।
ये भी हो सकता है कि आपको अल्ट्रासाउंड में दिल की धड़कन सुनाई ना दे, क्योंकि प्रेगनेंसी (गर्भावस्था) अभी शुरुआती दौर में हो सकती है। घबराने की ज़रूरत नहीं है। इसका मतलब सिर्फ इतना है कि आपको कुछ हफ्तों बाद दोबारा अल्ट्रासाउंड करवाना होगा।
गर्भावस्था 2 महीने के दौरान सावधानियों
गर्भावस्था के दूसरे महीने में सावधानियाँ बरतना बहुत महत्त्वपूर्ण होता है। इसका कारण यह है कि यह प्रेगनेंसी का सबसे नाज़ुक चरण होता है, क्योंकि इस समय भ्रूण अपने विकास के पहले चरण में होता है। ऐसे में कुछ ज़रूरी सावधानियाँ अपनाना आपके और आपके होने वाले बच्चे के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद रहेगा।
गर्भावस्था 2 महीने के दौरान सावधानियों में ये बातें शामिल हैं:
- भारी सामान उठाने से बचें।
- तनाव और अधिक मानसिक दबाव से दूर रहें।
- धूम्रपान, शराब और कैफीन का सेवन बिल्कुल न करें।
- संतुलित आहार लें, जिसमें आयरन, फोलिक एसिड और प्रोटीन भरपूर मात्रा में हो।
- दवाइयाँ हमेशा डॉक्टर की सलाह से ही लें।
- हर महीने नियमित चेकअप और सोनोग्राफी (अल्ट्रासाउंड) करवाएं।
2 महीने की प्रेगनेंसी का डाइट चार्ट
2 महीने की प्रेगनेंसी में क्या खाना चाहिए?
दो महीने की प्रेगनेंसी में सही खाना बहुत ज़रूरी होता है। यहाँ एक 2 महीने की प्रेगनेंसी का डाइट (आहार) चार्ट दिया है जिसे आप अपने स्वाद और आवश्यकताओं के अनुसार अपना सकती हैं।
| समय | खाने का सामान |
| सुबह-सुबह | दूध |
| सुबह का नाश्ता | पोहा |
| पराठा | |
| हरी पत्तेदार सब्जियाँ | |
| दाल | |
| वेज करी | |
| उबला हुआ अंडा | |
| पनीर | |
| सुबह के दौरान | मौसमी फल |
| दोपहर का खाना | चावल |
| रोटी | |
| भाकरी | |
| हरी पत्तेदार सब्जी | |
| दही | |
| सलाद | |
| मछली | |
| मांस | |
| शाम का नाश्ता | मौसमी फल और मेवे |
| रात का खाना | चावल |
| बाजरे की रोटी | |
| मसूर की दाल | |
| सब्जी करी | |
| दही | |
| सोने के समय | दूध |
निष्कर्ष
प्रेगनेंट होने के दूसरे महीने में भले ही आपको बेबी बंप दिखाई न दे, लेकिन आपके शरीर के अंदर बहुत से छोटे-मोटे बदलाव हो रहे होते हैं। आपका बच्चा अभी बहुत छोटा होगा और उसके हाथ-पैर बन रहे होंगे। आपको मिचली और सुबह की बेचैनी के साथ-साथ कुछ और भी लक्षण महसूस हो सकते हैं। लेकिन 2 महीने की प्रेगनेंसी (गर्भावस्था) के लिए खाने की चीज़ों और आराम से आप इन लक्षणों को मैनेज कर सकती हैं। पौष्टिक आहार लें और पर्याप्त आराम करें। इस सफर का आनंद लेना न भूलें, क्योंकि ये जिंदगी का एक अनोखा अनुभव है।
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1. 2 महीने की प्रेगनेंसी में क्या करना चाहिए?
गर्भावस्था के दूसरे महीने का समय बहुत जटिल और नाज़ुक होता है। ऐसे समय में ज़रूरी है कि गर्भवती महिला अधिक से अधिक आराम करें, संतुलित और पोषणयुक्त आहार लें और नियमित रूप से अपनी जांच कराती रहें। इसके अलावा, हल्का व्यायाम भी डॉक्टर की सलाह के अनुसार करना फायदेमंद हो सकता है। इससे आपका शरीर सक्रिय रहेगा और प्रेगनेंसी के कुछ सामान्य लक्षणों में भी राहत मिलेगी।
2. 2 महीने का बच्चा पेट में कितना बड़ा होता है?
अगर आप 2 महीने की प्रेगनेंसी में बच्चे के आकार की बात करें, तो इस समय उसका आकार लगभग 1 से 2.5 सेंटीमीटर तक होता है। यानी ये एक छोटी बीन्स या चेरी जितना हो सकता है।
3. प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण 2 महीने के?
मतली, उल्टी, स्तनों में संवेदनशीलता, थकान, बार-बार पेशाब आना, और भोजन की पसंद में बदलाव जैसे लक्षण आम होते हैं।
4. 2 महीने का गर्भ कैसा होता है?
गर्भावस्था के दूसरे महीने में यह समय शुरुआती और संवेदनशील होता है, जब भ्रूण का विकास तेज़ी से शुरू हो जाता है। इस दौरान भ्रूण के मस्तिष्क और शरीर के अंगों का विकास तेज़ी से होता है।
5. प्रेगनेंसी के दूसरे महीने में क्या महसूस होता है?
प्रेगनेंसी के दूसरे महीने में, आप थकान, मूड स्विंग्स, मतली, और कभी-कभी हल्का पेट दर्द महसूस कर सकती हैं। ये सभी लक्षण हार्मोनल बदलावों के कारण होते हैं, जो इस समय आपके शरीर में हो रहे होते हैं।
