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प्रेगनेंसी में खट्टा खाने का मन क्यों करता है: कारण और समाधान

pregnancy me imli kha sakte hai
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जब सीमा को पता चला कि वह माँ बनने वाली है, तो वह बहुत खुश हुई। परिवार में भी खुशी का माहौल था। कुछ ही हफ्तों में सीमा को महसूस हुआ कि उसके खाने-पीने की पसंद बदलने लगी है। अब उसे हर वक्त कुछ खट्टा खाने का मन करता — कभी इमली, कभी नींबू, तो कभी करौंदे।

एक दिन जब वह खट्टी इमली खा रही थी, उसकी माँ मुस्कुराते हुए बोलीं, “अब तो पक्का बेटा होगा, खट्टा खाने का मन जो कर रहा है!”

सीमा को यह सुनकर हंसी आ गई। उसने सोचा — क्या वाकई ऐसा कुछ होता है? अगर आपके मन में भी कभी ऐसे सवाल आएं कि प्रेगनेंसी में खट्टा खाने का मन क्यों करता है या प्रेगनेंसी में तीखा खाने से क्या होता है, तो चलिए, आज हम इसका भी राज़ जान लेते हैं!

प्रेगनेंसी में खट्टा खाने की इच्छा का विज्ञान

सीमा की तरह, लगभग हर प्रेग्नेंट महिला का यह सवाल होता है कि प्रेगनेंसी में खट्टा खाने का मन कब करता है? दरअसल, गर्भावस्था के दौरान शरीर में हार्मोनल बदलाव बहुत तेज़ होते हैं, खासतौर पर पहली तिमाही में। इस दौरान एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन न सिर्फ मूड पर असर डालते हैं, बल्कि खाने-पीने की पसंद को भी बदल देते हैं। यही वजह है कि प्रेगनेंसी में खट्टा खाने का मन कब करता है? इसका जवाब है — जब शरीर में विटामिन C या आयरन की कमी हो, या जब मतली और उल्टी की समस्या परेशान करे। खट्टा खाने से मतली में भी राहत मिलती है, इसलिए महिलाएं इस दौरान खट्टी चीज़ें ज़्यादा पसंद करने लगती हैं।

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क्या खट्टा खाने से प्रेगनेंसी पर कोई असर पड़ता है?

हां, खट्टा खाने के अपने फायदे और नुकसान दोनों हैं। सीमित मात्रा में खाने से न केवल मितली में राहत मिलती है, बल्कि पाचन तंत्र भी बेहतर बना रहता है। वहीं, ज़्यादा खट्टा खाने से दांतों में सेंसिटिविटी, पेट में जलन और एसिडिटी जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। तो अगर आप भी ये सोच रही हैं कि pregnancy me imli kha sakte hai — तो जी हां, बिल्कुल खा सकती हैं। क्योंकि इससे शरीर को विटामिन C भी मिलता है। बस ध्यान रखें, इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करें, ताकि फायदा भी हो और कोई परेशानी भी न हो।

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खट्टा खाने की आदत के पीछे के मनोवैज्ञानिक कारण

प्रेगनेंसी में खट्टा खाने का मन कब करता है — इसका कारण सिर्फ़ शारीरिक ही नहीं, मानसिक भी होता है। प्रेगनेंसी के दौरान होने वाले हार्मोनल और भावनात्मक बदलावों के बीच खट्टा खाने से महिलाओं को राहत और अच्छा महसूस होता है। कई बार ऐसा भी होता है कि महिलाएं बचपन की किसी याद या किसी खास पारिवारिक अनुभव से जुड़ी चीज़ें खाने के लिए आकर्षित होती हैं। जैसे किसी महिला को अपनी मां के हाथ का नींबू का अचार बहुत पसंद था, और गर्भावस्था में वही स्वाद उसे मानसिक सुकून देता है। यही वजह है कि प्रेगनेंसी में खट्टा खाने का मन कब करता है, इसका जवाब सिर्फ़ पोषण नहीं, भावनात्मक संतुलन से भी जुड़ा हुआ है।

प्रेगनेंसी में खट्टा खाने के सुरक्षित तरीके

क्या आप भी यह सोचकर परेशान हैं कि pregnancy me imli kha sakte hai या नहीं? तो हां, आप बिल्कुल खा सकती हैं — बस ध्यान रखें कि इमली नैचुरल और केमिकल रहित हो। साथ ही, अगर खट्टा खाने का मन ज़्यादा करे तो नींबू पानी में थोड़ा नमक और चीनी डालकर पीना भी बहुत सुकून देगा। इसके अलावा आंवला का ताज़ा मुरब्बा और घर का बना अचार भी न सिर्फ स्वाद बढ़ाएगा, बल्कि ये विटामिन C का भी बेहतरीन सोर्स है। हां, एक बात याद रखें — तीखे खाने से थोड़ा परहेज़ करें। नहीं जानती प्रेगनेंसी में तीखा खाने से क्या होता है? इससे डिहाइड्रेशन या पेट में जलन की दिक्कत हो सकती है। इसलिए खट्टा खाएं, लेकिन तीखे से थोड़ा बचें।

प्रेगनेंसी में खट्टा खाने की इच्छा को संतुलित कैसे करें?

प्रेगनेंसी में खट्टा खाने का मन कब करता है यह जानना जरूरी है ताकि आप अपनी क्रेविंग्स को सही तरीके से संभाल सकें। अक्सर हार्मोनल बदलाव और शरीर में विटामिन C या आयरन की कमी के कारण यह इच्छा बढ़ जाती है। इसलिए खट्टे फलों या पदार्थों का सेवन संतुलित मात्रा में करें ताकि आपको फायदा हो और नुकसान न हो।

साथ ही, अगर pregnancy me mitha khane ka man karna भी हो तो ऐसे समय में मीठे में फल जैसे आम, तरबूज, अंगूर या केला लेना बेहतर रहता है। ये न केवल स्वाद में मदद करते हैं बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद होते हैं।

यह भी पढ़ें: माँ और बच्चे की सुरक्षा के लिए प्रेगनेंसी में पहला टीका कब लगाना चाहिए

निष्कर्ष 

प्रेगनेंसी में खट्टा खाने का मन क्यों करता है, इसका जवाब शरीर और मन दोनों में हो रहे हार्मोनल और भावनात्मक बदलावों में छिपा है। जब आप सोचती हैं कि pregnancy me imli kha sakte hai या क्या खट्टा खाना सुरक्षित है, तो जान लें कि सीमित मात्रा में यह आपके लिए लाभदायक भी हो सकता है। इसी तरह, कई महिलाओं को pregnancy me mitha khane ka man karna भी होता है, जो शरीर की ऊर्जा की ज़रूरत और हार्मोनल बदलावों का नतीजा होता है। ऐसे में फल जैसे आम, तरबूज, और केले का सेवन करना बेहतर विकल्प होता है। लेकिन प्रेगनेंसी में तीखा खाने से क्या होता है?—तीखा भोजन आपके पेट में जलन और एसिडिटी (acid reflux) बढ़ा सकता है, जिससे डिहाइड्रेशन और असुविधा हो सकती है। 

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Faq's

1. गर्भ में लड़का होता है तो क्या खाने का मन करता है?

गर्भ में लड़का होने पर अक्सर नमकीन, तीखा या प्रोटीन युक्त चीज़ें खाने का मन करता है, लेकिन यह वैज्ञानिक रूप से सिद्ध नहीं है।

2. प्रेगनेंसी में ज्यादा खट्टा खाने का मन क्यों करता है?

आपके शरीर में बदलते एस्ट्रोजन और प्रोएस्ट्रोजन की मात्रा आप में खट्टा खाने की इच्छा पैदा करती हैं। 

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सुबह उठ कर गुनगुना पानी पिएं, टहलें, गहरी सांस लें और पोषण पूर्ण नाश्ता करें। 

4. प्रेगनेंसी में रंग काला क्यों होता है?

हमारे शरीर में प्रेगनेंसी के समय मेलानिन नाम की पिगमेंट बढ़ने लगते हैं जिससे त्वचा का रंग गहरा हो जाता है।